पाकिस्तान के पास थी एशिया की पहली खतरनाक पनडुब्बी, जिसे भारत ने चालाकी से कर दिया था तबाह
पाकिस्तान ने भारत से एक बार नहीं बल्कि कई बार मुँह की खाई है। बावजूद इसके पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आता। युद्ध के दौरान पाकिस्तान चाहे कितनी भी चालाकी करता है, लेकिन भारत के सामने पाकिस्तान को आखिरकार घुटने टेकने ही पड़ते हैं।
आज हम आपके सामने एक ऐसी ही घटना का जिक्र करने जा रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं 1971 के युद्ध की जब पाकिस्तान अमेरिका से मिली शक्तिशाली पनडुब्बी के सहारे भारत के आईएनएस विक्रांत को डुबोना चाहता था। पाकिस्तान की इस शक्तिशाली पनडुब्बी का नाम था गाजी। लेकिन 4 दिसंबर 1971 की रात भारतीय नौसेना ने इस पनडुब्बी को समुद्र में ही डूबा दिया।
तब पाकिस्तान के पास ही दक्षिण एशिया की पहली पनडुब्बी गाजी मौजूद थी। उस समय इंडियन नेवी के पास कोई भी पनडुब्बी नहीं थी। पाकिस्तान ने अपनी पनडुब्बी को चुपचाप कराची बंदरगाह से अरब महासागर की ओर निकाला। पनडुब्बी गाजी का लक्ष्य था शक्तिशाली युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को नष्ट करना लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर सका।
अगर गाजी अपने हमले में कामयाब हो जाती तो यह पाकिस्तान की बहुत बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत होती। उस समय भारतीय सेना के पास कोई पनडुब्बी नहीं थी ऐसे में 1965 के युद्ध में पनडुब्बी गाजी का इतना खौफ था कि इंडियन नेवी ने कराची हमले का प्लान टाल दिया था।
पनडुब्बी ग़ाज़ी 75 दिन तक पानी के भीतर रह सकती थी। 20 हजार किलोमीटर लंबा सफर करने की क्षमता से युक्त थी। लेकिन इंडियन नेवी के सैनिकों ने डेप्थ चार्जर के जरिए पाकिस्तान की सबमरीन गाजी को समंदर में ही जलसमाधि दे दी।