सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए 3 मार्च का समय दिया था। अब किसी भी दोषी के पास कोई क्यूपरेटिव पिटीशन भी नहीं बची है। पवन ने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी। लेकिन इस पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा कि इस पर सवाल उठाने का अब कोई सवाल ही नहीं होता।

शनिवार को दोषी अक्षय सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपील दायर कर 3 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक की मांग की थी। इस पर 2 मार्च तक जवाब माँगा था। अक्षय ने याचिका में कहा कि राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी गई थी लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं आया। उसके वकील के मुताबिक, पिछली दया याचिका में पूरे तथ्य नहीं थे, इसलिए वो खारिज हो गई थी।

सिर्फ पवन के पास दया याचिका

निर्भया के चार दोषियों के पास बचने के अब कोई विकल्प नहीं है। केवल पवन के पास दया याचिका का इकलौता कानूनी विकल्प शेष है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट पवन की नाबालिग होने की याचिका को खारिज कर चुकी है।

निर्भया की माँ का ये है कहना

निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा कि, ‘‘मैं अदालतों की निष्क्रियता से सदमे में हूं। पूरी दुनिया देख रही है कि दरिंदों के वकील कैसे कोर्ट को गुमराह कर फांसी पर अमल नहीं होने दे रहे हैं। जब निर्णय हो चूका है तो इसे अब अमल भी करना चाहिए।’’

बता दें कि फांसी की नई तारीख 3 मार्च है, लेकिन वकील का अभी भी कहना है कि इस दिन दोषियों को फांसी नहीं होगी, क्योंकि लूट का एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।

अब तक 2 बार तल चुकी है फांसी

पहला डेथ वॉरंट 22 जनवरी को सुबह 7 बजे दिया गया था लेकिन इस दिन फांसी टल गई। इसके बाद 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश था लेकिन ये भी टल गई। इसके बाद तीसरी बार डेथ वारंट 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश दिया गया। लेकिन इसमें अभी कुछ भी साफ नहीं है कि इन्हे फांसी होगी या नहीं।

पवन जल्लाद कर रहा है तैयारी

पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच चूका है और फांसी देने के लिए अभ्यास कर चूका है। लेकिन अब ये देखना बाकी है कि इन दोषियों को इस बार भी फांसी होती है या नहीं।

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