आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय नौसेना दुनियाभर की शक्तिशाली नौसेनाओं में शुमार करती है। हिंद महासागर पर आज भी इंडियन नेवी का ही प्रभुत्व है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 4 दिसंबर, 1971 की रात इंडियन नेवी ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत कराची हार्बर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। दरअसल ट्राइडेंट का मतलब होता है त्रिशूल। त्रिशूल यानी शिव का संहारक हथियार।

70 के दशक में कराची बंदरगाह का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान था। इतना ही नहीं पाकिस्तानी नौसेना का अड्डा भी कराची में ही था। 1971 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव बढ़ा तो भारत ने बिगड़ते हालात को देखते हुए समुद्र में अपनी तीन मिसाइल बोट तैनात कर दी थी। 4 दिसंबर 1971 की रात में भारतीय नौसेना ने अब तक का सबसे खतरनाक हमला किया था। इस हमले में 3 मिसाइल बोट्स आईएनएस निपट, आईएनएस निर्घट और आईएनएस वीर का इस्तेमाल हुआ था।

कराची बंदरगाह पर खतरनाक हमला
रात 9 बजे भारतीय नौसेना कराची की तरफ बढ़ने लगी। करीब साढ़े दस बजे नौसेना ने कराची हार्बर पर पहली मिसाइल दागी। 90 मिनट के अंदर पाकिस्तान के करीब 4 युद्धपोत डूब गए तथा 2 युद्धपोत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे। पूरा कराची बंदरगाह आग की लपटों से घिर गया था।

कहते हैं कि कराची हार्बर 8 दिनों तक जलता रहा। इस हमले में भारत को कोई क्षति नहीं पहुंची थी। दरअसल इंडियन नेवी का हमला इतना तेज था कि पाकिस्तान को संभलने का मौका ही नहीं मिला। इस अभियान में कराची स्थित फ्यूल स्टोरेज भी पूरी तरह से नष्ट हो गया था। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना की इस सैन्य कार्रवाई में 3 विद्युत क्लास मिसाइल बोट और 2 एंटी सबमरीन कोवर्ट ने शिरकत की थी।

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