निर्भया केसः गुनहगारों के आखिरी 30 मिनट, जमीन पर लेट गए, रोए और लगाने लगे माफी की गुहार
निर्भया के चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आख़िरकार फांसी मिल गई है। उन्हें तिहाड़ जेल में सुबह 5:30 बजे फांसी दी गई।
लेकिन बर्बरता के साथ एक बेहद ही शर्मनाक काम को अंजाम देते वक्त उनके चेहरे पर वो डर नहीं था जो फांसी से पहले दिखा। फांसी से पहले उनके चेहरे पर तनाव था और उनके आखिरी लम्हे कुछ ऐसे थे कि वे रो रो कर माफ़ी की गुहार लगाने लगे।
चाय नाश्ते के लिए कर दिया मना
जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि उन्हें सुबह 5:30 बजे फांसी होगी तो वे रात भर नहीं सोए। फांसी के लिए सुबह 3.15 बजे जगा दिया गया। इसके बाद उन्हें चाय दी गई लेकिन उन्होने पीने से इनकार कर दिया। उन्हें नाश्ते के लिए पूछा गया तो उन्होंने इस से भी मना कर दिया। फिर उन्हें काले कपड़े पहनाए गए।
जमीन पर लेट रोने लगे दोषी
जैसे ही चारों को फांसी के तख्त के पास ले जाया गया चारों जमीन पर लेट गए और रोने लगे। उनके चेहरे पर मौत का डर साफ दिख रहा था। जेल अधिकारियों से वे माफी की गुहार लगाते रहे लेकिन उन्हें फांसी के तख्त पर खड़ा कर दिया गया और जैसे ही जेल सुपरिटेंडेंट ने इशारा किया जल्लाद ने लिवर खींच दिया।
विनय का रो रो कर बुरा हाल
जब सभी को नहाने के लिए कहा गया तो उसने नहाने और कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। वह सभी के सामने गिगिडाने लगा और माफ करने के लिए कहने लगा। काफी कोशिशों के बाद उसे आगे लेकर जाया गया। वह फांसी के फंदे के पास आकर भी जमीन पर लेट गया और आगे ना जाने के लिए कहने लगा। फांसी से ठीक पहले चारों के चेहरे काले कपड़े से ढक दिए गए और पैर भी बांध दिए गए।