New Congress president: सोनिया गांधी की जगह इन 5 में से कोई एक बन सकता है अगला अध्यक्ष
अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस के भीतर चल रहे मामले को लेकर जल्द ही फैसला हो सकता है, सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होनी है। चर्चा तेज है कि सोनिया इस मीटिंग में अपना इस्तीफा सामने रख सकती हैं। हालांकि उस प्रस्ताव का कड़ा विरोध होने की पूरी संभावना है। एक खेमे से राहुल गांधी को ही अगला अध्यक्ष बनाने की डिमांड है तो प्रियंका गांधी कह चुकी हैं कि कोई गैर गांधी अब पार्टी का मुखिया बनना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसके जवाब में कई विकल्प सामने आ रहे हैं।
पार्टी के भीतर एक बड़ी तादाद ऐसे नेताओं की है जो नेहरू-गांधी परिवार के हाथ में ही कांग्रेस की कमान देखना चाहते हैं। लेकिन बात करे राहुल की तो 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पद छोड़ दिया था, तभी से सोनिया अंतरिम अध्यक्ष हैं। लेकिन आपको बता दे राहुल खुद दोबारा पार्टी की कमान संभालने के इच्छुक नहीं लगते लेकिन दबाव में ऐसा कर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के भीतर प्रियंका गांधी को अध्यक्ष देखने की चाह वाले कम नहीं। उन्हें पिछले साल जिस तरह उत्तर प्रदेश में खास जिम्मेदारी दी गई, उससे कई सीनियर कांग्रेस नेताओं की नजर में वह अध्यक्ष बनने की क्षमता रखती हैं। कांग्रेस के कई नेताओं की यही इच्छा है कि राहुल या प्रियंका में से कोई एक, पार्टी की कमान संभाले। हालांकि गैर गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रियंका का स्टैंड आड़े आ सकता है। प्रियंका का राजनीति में कम अनुभव भी उनके इस पद पर नियुक्ति में एक रुकावट है।
मुकुल वासनिक का नाम पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में रहा है। पिछले साल जब राहुल ने इस्तीफा दिया तो वासनिक के अगला अध्यक्ष बनने की काफी चर्चा थी। महाराष्ट्र से राजनीति की शुरुआत करने वाले वासनिक इस वक्त कांग्रेस में महासचिव हैं। वे गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं।
सोनिया के पद छोड़ने की स्थिति में अभी के लिए पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को कमान दी जा सकती है। वह गांधी परिवार के खासे करीबी हैं। AICC, CWC समेत कांग्रेस के कोर ग्रुप का हिस्सा हैं। एंटनी संकट के समय में पार्टी को याद आते रहे हैं और नेतृत्व से बड़ा संकट पार्टी के आगे फिलहाल दूसरा नहीं है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम भी कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में बताया जा रहा है। दस साल तक पीएम रहे मनमोहन के पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है। पार्टी के भीतर उनका सभी सम्मान करते हैं और यह बात उनके फेवर में जा सकती है।