एनडीए में तैयार होते हैं आर्मी, नेवी तथा एयरफोर्स के रणबांकुरे, पढ़ें यह खास बातें
दोस्तों, आपको बता दें कि एनडीए यानि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी विश्व की एकमात्र ऐसी अकादमी है, जहां इंडियन आर्मी, एयरफोर्स तथा नेवी की ट्रेनिंग एक साथ दी जाती है। महाराष्ट्र के पुणे जिले में खडकवासला में मौजूद यह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी 8,022 एकड़ में फैली है। इस स्टोरी में हम आपको एनडीए से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
- एनडीए कैडेट्स को 3 साल तक अध्ययन करने के बाद स्नातक की डिग्री ( कला स्नातक या विज्ञान स्नातक ) जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्द्यालय से दी जाती है। एनडीए में 27 देशों के करीब 700 से ज्यादा कैडेट्स भारतीय समकक्षों के साथ ट्रेनिंग करते हैं।
- बता दें कि 1950 के दशक में एनडीए का आदर्श वाक्य सर्विस बिफोर सेल्फ था, जिसे बाद में संस्कृत संस्करण सेवा परमो धर्म के रूप में स्वीकार किया गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने सूडान की रक्षा की थी। उनके इस बलिदान के लिए 1941 में सूडान सरकार ने पैसे दान किए थे। उसी पैसे से एनडीए इमारत का निर्माण हुआ था। यही असली वजह है कि एनडीए की मुख्य इमारत को सूडान ब्लॉक कहा जाता है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1945 में एक समिति के गठन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अक्टूबर 1949 में एनडीए की नींव रखी, जिसका उद्घाटन 16 जनवरी 1955 को किया गया।
- एनडीए में अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने वाले भारतीय युवाओं को एक निश्चित समय सीमा के अंदर प्रशिक्षण दिया जाता है।
- अगर आप कभी एनडीए कैडेट्स को भारी बैकपैक्स के दौड़ते हुए देखें तो यह ना सोचें कि यह उनकी नियमित दौड़ है। यह उन्हें दी गई सजा भी हो सकती है। क्योंकि सजा होने पर इन कैडेट्स को भारी बैग्स के साथ कई किलोमीटर लम्बी दौड़ लगानी होती है।
- ओलंपिक पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा एनडीए के पूर्व छात्र हैं।
- एनडीए के तीन पूर्व छात्रों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है, और नौ छात्रों ने अशोक चक्र प्राप्त किया है। एनडीए ने अब तक 27 सर्विस चीफ्स ऑफ स्टाफ देश को दिए हैं।