आपको जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक पेज ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के करीब सवा नौ लाख फॉलोअर्स हैं। अभी कुछ ही दिनों पहले इसी पेज पर पीएम मोदी का इंटरव्यू भी आया है। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के जरिए ही यह पता चल सका कि नरेंद्र मोदी हर साल दीवाली के टाइम 5 दिन के लिए जंगल जाते थे। इसी पेज के जरिए यह भी खुलासा हुआ है कि नरेंद्र मोदी की मां को सबसे ज्यादा खुशी तब मिली थी, जब वह पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। अब आप सोच रहे होंगे कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने पर नहीं, बल्कि उनके सीएम बनने पर ही उनकी मां सबसे ज्यादा खुशी क्यों मिली थी?

इस प्रश्न का जवाब खुद पीएम मोदी के शब्दों में पढ़ें- कई लोगों ने मुझसे पूछा कि जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो मेरी मां को कैसा लगा? मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा मेरी मां को तब खुशी हुई थी, जब मैं पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बना था।

पीएम मोदी कहते हैं- उन दिनों मैं दिल्ली में रहता था, जब मुझे पता चला कि मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया है। शपथ लेेने से पहले मैं मां से मिलने सीधे अहमदाबाद गया। मेरे पहुंचने से पहले ही मां को पता लग गया था कि मैं सीएम बना दिया गया हूं। अगर ईमानदारी से कहूं तो मां को यह नहीं पता होगा कि मुख्यमंत्री क्या होता है, क्या करता है। जब मैं घर पहुंचा तो जश्न का माहौल था, सभी लोग खुशियां मना रहे थे। मेरी मां ने मुझे देखते ही गले लगा लिया और बोलीं- सबसे अच्छी बात यह है कि तू अब गुजरात वापस आ गया।

मां ने कहा- देख भाई, मुझे तेरा काम तो समझ में नहीं आता। लेकिन वादा कर कि तू कभी रिश्वत नहीं लेगा। घूस लेने जैसा पाप कभी मत करना। मोदी कहते हैं कि मां की उन बातों ने मुझ पर बहुत असर डाला। उन्होंने इतने आभाव में ​जीवन जिया, फिर भी यह सीख दी कि मैं रिश्वत कभी ना लूं। अगर मेरी मां को कोई यह भी कह देता कि मुझे मामूली सी नौकरी मिल गई है, तब भी वह पूरे गांव में मिठाई बांट दी होती। उनके लिए सीएम-वीएम कोई मायने नहीं रखता।

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