दुनिया की 25 फीसदी दौलत का मालिक था अकबर, मुगल बादशाह थे कुछ इतने अमीर...
हिंदुस्तान पर हुकूमत करने वाले मुगल बादशाह दुनिया में सबसे अमीर हुआ करते थे। वो एक दौर था जब दुनिया की करीब 25 फीसदी दौलत इनके पास थी। यूरोप के सभी साम्राज्यों की तुलना में इनके पास सबसे अधिक रत्न, मोती और शाही खजाने थे।
माना जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के पास दुनिया की एक चौथाई दौलत थी। टाइम पत्रिका के मुताबिक, अकबर के शासनकाल में हिंदुस्तान का जीडीपी ब्रिटेन से तनिक भी कम नहीं था। आर्थिक इतिहास एंगस मैडिसन के मुताबिक, मुगलकालीन भारत का प्रति व्यक्ति उत्पादन इंग्लैंड और फ्रांस के बराबर था।
मुगल राजशाही का रहन-सहन ब्रिटीश राजघराने से बहुत ज्यादा शानदार और भव्य था। दुनियाभर में घूम घूमकर व्यापार करने के बावजूद यूरोपियन जीवनशैली मुगल काल से बहुत पीछे थी। जिन यूरोपियन व्यापारियों ने मुगलकालीन भारत का दौरा किया, वो मुगल दरबार की भव्यता और उनकी आलीशान जीवनशैली से बहुत प्रभावित हुए। शायद उन यूरोपियन व्यापारियों ने राजमहलों में इतना अच्छा जीवन स्तर पहले कभी नहीं देखा था।
आर्थिक इतिहास मैडिसन के मुताबिक, मुगल दुनिया में सबकुछ शानदार था। मुगल दरबार की दीवारें, महल, उद्यान, फव्वारे, साहित्य और चित्रकला आकर्षक थी। जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर से लेकर शाहजहां के काल तक मुगल दरबार दुनिया के शानदार जगहों में से एक था। आगरा, दिल्ली, फतेहपुर सीकरी और लाहौर में आलीशान महल और मस्जिदें थी। दीवारें रंगीन थी, बगीचों में फव्वारों के बीच गुलाब और सेवादारी के लिए गुलाम-नौकरों की गिनती नहीं थी।
मुगल बादशाहों के पास सूती और रेशमी धागों से बुने दुनिया के बेहतरीन कपड़ों के बड़े वॉर्डरोब थे। कैम्ब्रिज इतिहासकार एंगस मैडिसन लिखते हैं कि 1000 ई. तक भारत की विश्व जीडीपी में 28.9 फीसदी की हिस्सेदारी थी। भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। मुगल साम्राज्य के दौरान 20.9 फीसदी जीडीपी दर के साथ हिंदुस्तान का आर्थिक विकास शुरू हुआ। आर्थिक वृद्धि के मामले में 18वीं शताब्दी में भारत ने चीन को पछाड़ दिया था। मुगल बादशाह शाहजहां उन दिनों दुनिया की सबसे बेशकीमती हीरे की खान गोलकुंडा का मालिक था। गोलकुंडा से निकलने वाले सभी रत्नों पर शाहजहां का अधिकार था।
केवल शाहजहां के खजाने में 1,116 टन चांदी और 7 टन सोना था। 100 पाउंड रुबी और पन्ना व 600 पाउंड मोती थे। इसके अतिरिक्त असंख्य जवाहरातों का खजाना था। आगरा के अलावा दिल्ली भी मुगलों की पसंदीदा राजधानी रही थी। शाही खजानों को 7 अलग-अलग किलों में रखा गया था। इनमें ग्वालियर, मेवाड़, रणथंभौर, लाहौर, असीरगढ़, रोहतासगढ़ और आगरा प्रमुख किले थे। शाही खजाने को किलों में मजबूत और सुरक्षित दीवारों के पीछे रख दिया गया था। बता दें कि मुगल बादशाहों के पसंदीदा शहर आगरा में अधिकांश शाही गहने रखे जाते थे।