सांसद मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा ​के प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेकिन इससे पहले वह एक लोकगीत गायक और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता भी है। एक कार्यक्रम में दौरान दिल्ली में एक स्कूल टीचर ने जब उनसे गाने की ​प्रार्थना की थी, तब उन्होंने उसे हिंदी में समझाया था कि सांसद की भी कुछ गरिमा होती है।

लेकिन ठीक दूसरी तरफ सुपरस्टार शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा बॉलीवुड मूवी जब हैरी मेट सेजल के प्रचार-प्रसार के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में पहुंचे थे। तब मनोज तिवारी ने शाहरूख खान के साथ घुटनों के बल बैठकर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के सामने-तू लगावेलू जब लिपिस्टिक, हीलेला काशी डिस्टिक गाना गाया था।


इस गाने को गाते ही बीजेपी सांसद मनोत तिवारी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हांलाकि लोगों का गुस्सा गलत था। लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि एक सांसद की गरिमा होती है, जो अनुष्का शर्मा के सामने घुटनों के बल बैठे मनोज तिवारी में नजर नहीं आ रही है।

हांलाकि जब कोई भी फिल्म अभिनेत्रा राजनीति में आता है तब उसकी इस सफलता के पीछे कहीं ना कहीं उसकी पृष्ठभूमि का सबसे बड़ा योगदान होता है। ऐसे व्यक्ति को जनता कलाकार पहले और राजनेता बाद में मानती है।



यही वजह है कि बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा मंच पर खड़े होते हैं, तब जनता सबसे पहले यही डिमांड करती है कि एक बार खामोश बोल दो। शत्रुघ्न सिन्हा को यह शब्द बोलना ही पड़ता है। हेमामालिनी को भी बसंती के डायलॉग बोलने पड़ते हैं। हांलाकि जनता के जुड़ने के बाद सांसद की गरिमा बर्बाद नहीं होती है। लेकिन मनोज तिवारी का उस टीचर को डांटना और फिर बाद में खुलेआम घुटनों पर बैठ गीत गाना यह बात समझ में नही आती है।

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