इस समय पूरे देश और पूरे विश्व मैं जिस विषय को लेकर और जिससे देश की चर्चा हो रही है वह अफगानिस्तान जहां पर पिछले 20 सालों से अमेरिका यह दावा कर रहा था कि वह सभी स्थितियों को अपने काबू में लाकर वहां पर एक स्थाई सरकार और स्थाई सेना बनाने की कोशिश एक कर रहा है वहीं अब पूरी तरह से अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना कब्जा कर लिया है। इसे लेकर अब पूरी दुनिया अमेरिका पर सवाल खड़े कर रही है और इसी को लेकर अब मौजूदा सरकार पर ट्रंप लगातार हमला बोल रहे हैं।

हालांकि जिस तरह से पिछले कुछ 1 महीने के अंदर तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमा लिया है ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि यह सब बिना किसी और देश के सहायता के नहीं हो सकता। आपको बता दें कि लगातार सवाल खड़े हो रहे कि रूस चीन और पाकिस्तान ने इन पूरे मामले में बड़ा सहयोग दिया है। आपको बता दें कि लगातार बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान की इस पूरे मामले में चीन का एक बड़ा हाथ है और जिस तरह से चीज पूरे विश्व में अपनी ताकत आजमाना चाहता है उस तरह से बताया जा रहा है कि चीन ने तालिबान की पूरी मदद की है।

वह इसके अलावा आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुलकर अपना समर्थन तालिबान को दिया है वहीं रूस की बात करें तो रूस ने अभी तक अपना समर्थन नहीं दिया है हालांकि खुलकर विरोध भी नहीं किया है और वह तालिबान सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार हैं इस तरह के संकेत लगातार दिए जा रहे हैं।

हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनना भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जिस तरह से अमेरिका की नजरें अफगानिस्तान की खनिज संपदा पर थी अब चीन की नजर अफगानिस्तान की खनिज संपदा पर है और इसी को लेकर कहा जा रहा है कि चीन द्वारा तालिबान का समर्थन किया जा रहा है।

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