अयोध्या: अयोध्या की मस्जिद में गुंबद और मीनारें नहीं होंगी। धनीपुर में बन रही मस्जिद का आकार चौकोर आकार में हो सकता है। यह मस्जिद पारंपरिक इस्लामिक वास्तुकला संस्कृति के तहत बनाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, मस्जिद का निर्माण मुसलमानों के पवित्रतम स्थान मक्का के काबा शरीफ की तर्ज पर हो सकता है।

मक्का का काबा शरीफ एक चौकोर आकार में है। मक्का में बने काबा शरीफ में न तो गुंबद है और न ही मीनार। मस्जिद के ट्रस्ट ने दिल्ली के वास्तुकार एस एम अख्तर को अयोध्या में मस्जिद को डिजाइन करने की पूरी छूट दी है। आर्किटेक्ट एसएम अख्तर दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया आर्किटेक्ट स्कूल के फैकल्टी हैं। स्थानों को अख्तर धनीपुर मस्जिद की इस्लामी संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया है। बता दें, मध्य एशिया में तुर्की और ईरानी वास्तुकला का काफी प्रभाव रहा है। मुगल वास्तुकला मध्य एशिया से भारत में आई थी। मुगल, तुर्की और ईरानी वास्तुकला अपने डिजाइन में गुंबदों और मीनारों का उपयोग करते हैं।

पारंपरिक इस्लामी वास्तुकला में डोम और मीनारों का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए इस बार अयोध्या में मस्जिद का आकार अलग होगा। मस्जिद का निर्माण 15000 वर्ग फीट में किया जाएगा। मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद के नाम पर नहीं रखा जाएगा।

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