राष्ट्रीय युवा दिवस पर मोदी: 'बेटे-बेटी बराबर हैं'
नई दिल्ली: बुधवार को राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ''आज भारत के युवा अगर तकनीक में रुचि रखते हैं तो लोकतंत्र की चेतना भी है. आज अगर भारत के युवाओं में श्रम की ताकत है. , भविष्य की भी स्पष्टता है। इसीलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे कल की आवाज मानती है।'' प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुडुचेरी में 25वें युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। वह भी हैं तमिलनाडु में 11 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने वाला है।
उसी 25वें युवा महोत्सव के शुभारंभ पर बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, "राष्ट्रीय युवा दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं। मैं भारत माता के महान बच्चे स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर सलाम करता हूं।" जयंती स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन हर साल 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव में उनकी जयंती और अधिक प्रेरक बन गई है। हम इस वर्ष अरबिंदो जी की 150वीं जयंती मना रहे हैं और इस वर्ष महान कवि सुब्रमण्यम भारती जी की 100वीं पुण्यतिथि भी है। इन दोनों का पुडुचेरी से खास रिश्ता है। ये दोनों एक-दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा में भागीदार रहे हैं।''
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ओपन-एयर थिएटर के साथ एक सभागार, पेरुन्थालाइवर कामराजर मणिमंडपम का उद्घाटन किया, जिसका निर्माण पुडुचेरी सरकार ने लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से किया है। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आज दुनिया भारत को विश्वास की दृष्टि से, आशा की दृष्टि से देखती है। क्योंकि, भारत के लोग भी युवा हैं, और भारत का दिमाग भी युवा है। भारत भी युवा है। अपनी ताकत से भारत अपने सपनों से छोटा है। भारत अपनी सोच से छोटा है, भारत अपनी चेतना से छोटा है।'' वहीं पीएम ने कहा, ''हम मानते हैं कि बेटे-बेटियां एक ही हैं। इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया है। यह इस दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है कि बेटियां भी अपना करियर बना सकें, उन्हें अधिक समय मिले। स्वतंत्रता संग्राम में हमारे कई ऐसे सेनानी रहे हैं जिनके योगदान को वह पहचान नहीं मिली जिसके वे हकदार थे। हमारे युवा ऐसे इंसानों के बारे में जितना अधिक लिखेंगे और शोध करेंगे, उतनी ही अधिक जागरूकता देश की आने वाली पीढ़ियों में बढ़ेगी।''