कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है और फिर से एक घोषणा की है। जानकारी के अनुसार, यह पता चला है कि मोदी सरकार काले धन रखने वालों को फिर से एक और मौका दे सकती है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। यह पता चला है कि जिसमें निर्मला सीतारमण ने आय घोषणा योजना 2016 को फिर से खोलने का प्रस्ताव दिया था।

सूत्रों के अनुसार, प्राप्त जानकारी से पता चला है कि यह योजना उन व्यक्तियों के लिए खुली होगी। जिन्हें उनकी संपत्ति का विवरण दिया गया था, लेकिन जिन्होंने दिए गए कर, अधिभार और दंड के बारे में तिथि विवरण नहीं भरा है। इस योजना के तहत, कई लोगों ने 30 सितंबर, 2016 तक अपनी संपत्ति का खुलासा किया था। उस समय, 64275 लोगों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति का विवरण दिया था।

पूरी संपत्ति की बात करें तो, संपत्ति की जानकारी 64,275 लोगों ने अपनी संपत्ति का विवरण दिया था। उन लोगों को इस संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर देना पड़ता था। साथ ही लोगों को 25% की दर से सरचार्ज और टैक्स देना पड़ता था। उस समय लोगों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया था, लेकिन लोगों ने कर, दंड और अधिभार का भुगतान नहीं किया था। ऐसे लोगों को देखकर, मोदी सरकार ने काले धन रखने वालों के लिए एक नई घोषणा या घोषणा की है।

जिसके तहत जिन लोगों ने अभी तक टैक्स, पेनल्टी और सरचार्ज का भुगतान नहीं किया है, वे 1 प्रतिशत ब्याज की दर से बकाया राशि का भुगतान कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि जो लोग बेहिसाब संपत्ति में आए थे, वे एक बार फिर खुद को साफ कर सकते हैं। इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही सरकार समय सीमा तय कर सकती है। उसके बाद काला धन रखने वालों को कोई मौका नहीं मिलेगा और उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

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