अभी नागरिकता कानून का मामला ठंडा नहीं हुआ कि केंद्र की मोदी सरकार ने अब एक और अधिनियम को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में कैबिनेट ने सरोगेसी संशोधन अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से सरोगेसी कानून को और सख्त बनाया गया है। इस कानून के अनुसार विधवाओं और तलाकशुदा महिला को भी सरोगेसी का अधिकार दिया गया है।

नए नियम में सेरोगेट मदर के मेडिकल कवर को 18 से बढ़ाकर 36 महीने का कर दिया गया है। शादी के बाद सरोगेसी की इजाजत की सीमा को भी 5 साल से घटा दिया गया है।भारतीय विवाहित जोड़े, विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के विवाहित जोड़े और अकेली भारतीय महिलाएं कुछ शर्तों के अधीन सरोगेसी का फायदा उठा सकेंगी। हालांकि अकेली महिलाओं की स्थिति में उनका विधवा या तलाकशुदा होना जरूरी है।

वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के प्रजनन के अधिकारों में उदारवादी विचारों को बढ़ावा दिया है। फिर चाहे वह एसिसटेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल हो या फिर सेरोगेसी बिल हो। सेरोगेसी संशोधन बिल को अगले महीने बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत में पेश किया जा सकता है।

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