मिशन-2019 : भाजपा हाईकमान ने इन प्रमुख सांसदों के टिकट काटे, जरूर पढ़ें यह रोचक खबर
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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि मिशन-2019 को कामयाब बनाने में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने कई सांसदों को दोबारा टिकट नहीं देने का फैसला किया है। भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि 2019 में चुनाव जीतने के लिए कुछ नए चेहरों को टिकट देना पार्टी की मजबूरी है।
उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने बयान दिया है कि जनता के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर उन सभी सांसदों का टिकट कटना लगभग तय है, जिन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में काम नहीं किया है। जिन सांसदों से जनता संतुष्ट नहीं है, उन्हें पार्टी कत्तई टिकट नहीं देगी। बताया जा रहा है कि मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित कानपुर परिक्षेत्र के पांच सांसदों का टिकट कटना भी लगभग तय है।
मथुरा से हेमा मालिनी, फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल, देवरिया से कलराज मिश्र, उन्नाव से साक्षी महाराज, हरदोई से अंशुल वर्मा, फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल, इलाहाबाद से श्यामाचरण गुप्त, बहराइच से सावित्री बाई फुले, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, हमीरपुर से पुष्पेंद्र चंदेल, इटावा से अशोक दोहरे, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, राबर्ट्सगंज से छोटेलाल सहित 28 सांसदों को टिकट नहीं देने का फैसला किया जा चुका है। जबकि दर्जनभर सांसद अभी पार्टी आलाकमान के निशाने पर हैं।
प्रदेश संगठन मंत्री ने इलाहाबाद में प्रयाग, फूलपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और अमेठी के लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा बैठक के दौरान यह ऐलान किया कि जिन सांसदों की छवि जनता में अच्छी नहीं है, उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव-2019 में दोबारा टिकट नहीं देगी।
दोस्तों आपको बता दें कि पूर्वांचल में भी 12 सांसदों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। अवध क्षेत्र के तीन सांसद भी निशाने पर हैं, जबकि ब्रज के दो सांसदों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि यूपी में 80 में से 73 सीटों पर परचम लहराने वाली भाजपा इस बार सपा-बसपा गठबंधन से परेशान है। उपचुनाव में गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में मिली करारी हार ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव-2019 में पचास प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल करने का इरादा बनाया है।