नोटबंदी के दौरान कड़ी आलोचना करने वाले मनमोहन सिंह ने तीन बार की पीएम मोदी की मदद
इंटरनेट डेस्क। द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखे राजनीतिक विरोध से अलग पीएम मोदी की मदद कर चुके हैं। मनमोहन सिंह ने ना केवल मोदी सरकार को शर्मिंदा होने से बचाया बल्कि सरकार को अपनी तरफ से पूरी मदद की। हांलाकि बतौर राजनेता मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी के नीतियों की जमकर आलोचना भी कर चुके हैं।
पीएम मोदी के नोटबंदी फैसले को उन्होंने संगठित लूट तक की संज्ञा दी थी। इतना नहीं नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले मनमोहन सिंह ने टाइम मैगजीन से रूबरू होते हुए कहा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी प्रधानमंत्री बनने पर देश के लिए खतरनाक साबित होंगे। लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दें कि देशहित से जुड़े मुद्दे पर मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी का साथ दे चुके हैं। ऐसे तीन मौके रहे जहां मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी की मुश्किलें आसान की हैं।
जीएसटी मुद्दे के लेकर सहमति
साल 2015 में मोदी सरकार जीएसटी पारित कराने के लिए संसद में सभी दलों के साथ राजनीतिक संघर्ष करते हुए नजर आ रही थी। ऐसा लग रहा था कि संसद का शीतकालीन सत्र यूं ही बर्बाद चला जाएगा। लेकिन पीएम मोदी के अनुरोध पर मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के साथ बैठक का इंतजाम कराया था। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई थी। इस बैठक में मनमोहन सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
उर्जित पटेल और मोदी सरकार को शर्मिंदगी से बचाया
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को संसदीय समिति ने नोटबंदी से जुड़े प्रश्नों को लेकर तलब किया था। तब मनमोहन सिंह ने उर्जित पटेल को सलाह दी थी कि आप ऐसे सवालों का जवाब मत देना जिससे आरबीआई के लिए समस्या खड़ी हो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उर्जित पटेल से पूछा था कि क्या आपको यह डर है कि नकदी निकासी की सीमा खत्म कर दी जाए तो देश में अराजकता का माहौल फैल जाएगा। तब मनमोहन सिंह ने उर्जित पटेल से कहा था कि आपको इस सवाल का उत्तर नहीं देना चाहिए। ऐसे में उर्जित पटेल और मोदी सरकार दोनों की लाज बच गई थी।
जीएसटी विधेयक पारित कराने में
सीनियर लीडर जयराम रमेश जीएसटी विधेयक में संशोधन की मांग पर अड़े हुए थे। लेकिन मनमोहन सिंह की सलाह पर उन्होंने अपनी मांग वापस ले ली जिससे सर्वसम्मति से जीएसटी विधेयक पारित हो सका। इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह के पास जाकर आभार भी प्रकट किया था।