भारतीय वायुसेना में थे महज 25 सैनिक, अब है दुनिया की ताकवर एयरफोर्स
आपको जानकारी के लिए बता दें कि आज की तारीख में इंडियन एयरफोर्स दुनिया की श्रेष्ठ सेनाओं में से एक मानी जाती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना का गठन किया गया, इस दौरान इसमें कुल 25 जवान शामिल थे, जिनमें 19 युद्धक पायलट थे। मौजूदा समय में यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। आइए जानें, इंडियन एयरफोर्स से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
- वर्ष 1965 और 1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। 1999 के कारगिल युद्ध में भी एयरफोर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- ब्रिटीश शासन के अधीन भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। लेकिन 1950 में भारत के गणराज्य बनते ही इसका नाम भारतीय वायु सेना कर दिया गया।
- एयर मार्शल सर थॉमस वॉकर एल्मिर्हिस्ट भारतीय वायुसेना के पहले एयर मार्शल थे। शुरूआती दौर में वायुसेना को भी भारतीय थलसेना ही कंट्रोल करती थी।
- इंडियन एयरफोर्स का आदर्श वाक्य नभ स्पृशं दीप्तम् है। भारतीय वायुसेना का उद्देश्य दुश्मनों का खात्मा कर राष्ट्र की रक्षा करना है।
- भारतीय वायु सेना के पराक्रम से पूरी दुनिया परिचित है। लेकिन भारतीय वायुसेना में केवल फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को ही परमवीर चक्र मिला है। 1971 के युद्ध में अद्भुत पराक्रम के बाद मरणोपरांत यह पुरस्कार उन्हें दिया गया था।
- भारतीय वायुसेना की पहली एयर मार्शल का नाम पद्मावती बंदोपाध्याय है। वह वायु सेना मेडिकल सर्विस की डायरेक्टर जनरल थीं।
- इंडियन एयरफोर्स का म्यूजियम देश की राजधानी दिल्ली स्थित पालम में है। इस संग्रहालय में भारतीय वायुसेना के इतिहास की झलक देखने को मिलती है।