जहां एक ओर बीएमसी प्रशासन कोरोनोवायरस को रोकने के लिए हर दिन संघर्ष कर रहा है, वहीं दूसरी ओर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल, मुंबई के चेंबूर इलाके में स्थित मानस रेसीडेंसी होटल में विदेश से आने वाले यात्रियों की सुविधा है। यह होटल वंदे भारत मिशन के तहत पंजीकृत है। इसके तहत मध्य पूर्व, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील सहित कुछ अन्य देशों के यात्रियों को संगरोध करने के सख्त आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन जब बीएमसी अधिकारी शुक्रवार को मानस रेसीडेंसी होटल पहुंचे, तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई।

होटल में जिन 10 लोगों को छोड़ दिया गया था, उनमें से 9 लोग होटल में नहीं थे। जब बीएमसी ने पूछताछ की, तो पाया गया कि उनमें से 6 पुणे गए हैं, जबकि शेष 3 अन्य स्थानों पर गए हैं। होटल से लापता 7 लोग दुबई से आए हैं, जबकि 2 लोग केन्या से मुंबई पहुंचे हैं। इनमें से, बीएमसी उन 6 लोगों के कोरोना का परीक्षण करने के लिए पहुंची थी, जिनकी संगरोध अवधि 26 मार्च को समाप्त हो रही थी। उनकी रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद उन्हें जारी किया गया था, लेकिन जब बीएमसी अधिकारियों को पता चला कि ये लोग संगरोध की शुरुआत के दूसरे दिन से होटल से गायब हैं। बीएमसी ने अब सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।

महाराष्ट्र: बड़ी लापरवाही! क्वारंटाइन किए गए 9 विदेशी होटल से गायब, BMC ने दर्ज कराई FIR

बीएमसी ने होटल से गायब हुए 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और होटल में एफआईआर भी दर्ज की है। बीएमसी वंदे भारत मिशन के तहत होटल का पंजीकरण रद्द करने की भी तैयारी कर रही है। अगले 24 घंटों में रिपोर्ट आने तक 6 लोगों को कोरोना वायरस के लिए परीक्षण किया गया है। होटल को 30 विदेशी यात्रियों को समायोजित करने की अनुमति दी गई थी, जिनमें से 10 वर्तमान में रह रहे थे। मुंबई में हर दिन कोरोना संक्रमण के पांच हजार से अधिक मामले हैं और इस तरह की लापरवाही कितनी घातक साबित हो सकती है।

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