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ताजमहल को दुनिया में सातवां आश्चर्य माना जाता है। बतौर प्रेम की निशानी ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत में ताजमहल से भी पुरानी प्रेम की निशानी छत्तीसगढ़ में मौजूद है। लेकिन इस प्रेम कहानी में राजा ने नहीं बल्कि रानी ने अपने राजा की याद में एक स्मारक का निर्माण करवाया था।

इतिहास में यह मंदिर लक्ष्मण मंदिर के नाम से विख्यात है। छत्तीसगढ़ के सिरपुरा में मौजूद इस मंदिर का निर्माण 635-640 ईस्वी में राजा हर्ष गुप्त की निशानी में रानी वासटा देवी ने कराया था। दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि शैव नगरी श्रीपुर में मिट्टी के ईंटों से बना लक्ष्मण मंदिर करीब 1400 सौ साल बाद भी पहले जैसा ही है। जब कि इस मंदिर की सुरक्षा और संरक्षण का कोई विशेष प्रबंध नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने वेबसाइट पर यह जानकारी दी है कि पवित्र महानदी के तट पर बसा सिरपुरा छत्तीसगढ़ की सांस्कृति, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत की अनमोल धरोहर है।

बताया जाता है कि पुरातत्व विभाग ने जब सिरपुरा में खुदाई आरंभ की, तब कभी ना खत्म होने वाली कई श्रृंखलाएं बाहर निकली थीं। सिरपुरा में अब तक 17 शिव मंदिर, 8 बौद्ध विहार, तीन जैन विहार तथा एक राजमहल, पुजारियों के आवास और विस्तृत व्यवसाय केंद्र के अवशेष मिले। इसी क्रम में एक रानी और राजा की प्रेम निशानी भी है लक्ष्मण मंदिर, जो ताजमहल की कहानी से भी काफी पुरानी बताई जा रही है।

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