राजस्थान के करौली जिले की एसपी प्रीति चंद्रा के तल्ख तेवरों के चलते चंबल के बीहड़ों में डकैत एक के बाद एक सरेंडर करते जा रहे हैं। पुलिस महकमें यह महिला पुलिस अधिकारी लेडी सिंघम के नाम से मशहूर है। चंबल के बीहड़ और डाकूओं की वजह से कोई भी एसपी यहां नौकरी नहीं करना चाहता है, वहीं लेडी सिंघम प्रीति चंद्रा महज ढाई महीने में 7 से ज्यादा डाकूओं को दबोच चुकी हैं। अवैध खनन के मशहूर बीहड़ के कुख्यात जंगलों में डकैतो के विरूद्ध प्रीति चंद्रा स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं।

अभी हाल में ही 10 हजार का ईनामी डाकू हरिया को प्रीति चंद्रा की टीम धर दबोचा है। हरिया को पकड़ने के दौरान उसने पुलिस टीम पर 12बोर की बंदूक तान दी थी, लेकिन निश्चित रणनीति के तहत एक टीम हरीया के पीछे पहले ही भेजी जा चुकी थी, जो उसके अरेस्ट करने में कामयाब रही। सीकर निवासी प्रीति चंद्रा साल 2008 बैच की आईपीएस हैं, इन्हें दूसरी बार जिले की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले साल 2012-13 में प्रीति चंद्रा बूंदी में एसपी तैनात रही।

बता दें कि प्रीति चंद्रा सप्ताह में एक बार बीहड़ कैंप चलाती हैं। प्रीति चंद्रा ने करौली में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करते ही सबसे पहले बीहड़ और उन इलाकों की तहकीकात की, जहां से डाकूओं की आवाजाही होती है। घने जंगलों के बीच नेटवर्क भी काम नहीं करता है। बीहड़ के डाकू भेष बदलकर गांवों में टोह लेने आते हैं। इसीलिए पुलिसकर्मी भी अपना वेष बदलकर कैला देवी मंदिर के आसपास और गांवों में डाकूओं की टोह लेते हैं। इस प्रकार बीहड़ के खूंखार दस्युओं को पकड़ने में प्रीति चंद्रा कामयाबी हासिल करती जा रही हैं।

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