जानिये, अजित डोवाल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिनसे पाकिस्तान भी खाता है खौफ
इंटरनेट डेस्क। अजीत डोवाल भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी है जो पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख थे। उन्होंने एक चतुर रणनीतिकार और खुफिया अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने पाकिस्तान में 7 वर्षों से अधिक समय तक अंडरवर्कर एजेंट के रूप में काम किया था।
पंजाब और मिजोरम जैसे भारत के विभिन्न राज्यों में आतंकवाद और विद्रोह को रोकने में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। अपने 28 साल के कार्यकाल में भारतीय एयरलाइंस की 15 से अधिक अपहरण की वार्ता का हिस्सा रहे है। डोवाल ने एक दशक से अधिक समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो के इंटेलिजेंस विंग की अध्यक्षता की और संयुक्त टास्क फोर्स इंटेलिजेंस और मल्टी एजेंसी सेंटर की स्थापना भी की है।
उन्होंने ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जब वह स्वर्ण मंदिर के अंदर एक गुप्त आईएसआई एजेंट के रूप में महत्वपूर्ण जानकारी और अपडेट इकट्ठा करने गए और सिख आतंकवादियों को असफल और आत्मसमर्पण करने के लिए काम किया।
उन्होंने आतंकवाद को रोकने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर और म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में भी भूमिका अदा की थी। एनएसए के रूप में, उन्होंने आईएसआईएस द्वारा अपहरण के बाद 46 भारतीय नर्सों को सुरक्षित रखने में मदद की थी। इनके अलावा डोवाल की एक और उपलब्धि डोकलाम विवाद को संभालना भी है।
भारत के सबसे अनुभवी जासूसों में से के डोवाल आज भी एक सामान्य मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करते हुए देखेंगे। इसका कारण यह है कि इंटरनेशनल इंटेलिजेंस एजेंसियां अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए मोबाइल और कंप्यूटर उपकरणों में टैप करती है।