पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुजरात हाईकोर्ट के डायमंड जुबली समारोह को संबोधित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात उच्च न्यायालय की हीरक जयंती के अवसर पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया है। इस कार्यक्रम में गुजरात के सीएम विजय रूपानी भी मौजूद रहे।

अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा कि सच्चाई और न्याय के लिए काम करने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय की तत्परता और संवैधानिक प्रतिबद्धता ने भारतीय न्यायिक प्रणाली और भारत के लोकतंत्र दोनों को मजबूत किया है।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारियां हमारे संविधान के लिए ऑक्सीजन की तरह हैं।

हमारी न्यायपालिका ने संविधान की ऑक्सीजन की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है। डिजिटल इंडिया मिशन हमारी न्याय प्रणाली का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है। आज, देश में 18,000 से अधिक कम्प्यूटरीकृत अदालतें हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से कानूनी कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के बाद ही सभी अदालतों में ई-प्रसंस्करण में वृद्धि हुई है।

हर कोई यह सुनकर गर्व महसूस करता है कि हमारा सर्वोच्च न्यायालय आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुनिया का सबसे अधिक सुना जाने वाला सर्वोच्च न्यायालय बन गया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय समाज में सदियों से कानून का शासन संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में कहा गया है- न्यायामुल सूरजम सियात। अर्थात्, सुशासन की जड़ न्याय में निहित है।

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