अमेरिका की जानीमानी यूनिवर्सिटी ने पहले कहा भारत में 25 करोड़ लोग होंगे कोरोना संक्रमित, और अब ये कह कर पल्ला झाड़ लिया ...
अमेरिका स्थित जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय ने पिछले स्टडी में ये दावा किया था कि भारत में 12.5 करोड़ से 24 करोड़ लोग कोरोनावायरस संक्रमित हो सकते हैं। हालाकिं अब यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि इस अध्यन्न का हमसे कोई लेना देना नहीं है।
यह दावा करने के बाद से यूनिवर्सिटी विवादों में है लेकिन अब यूनिवर्सिटी ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि "इस स्टडी से हमारा लेनादेना नहीं है जिसने # COVID2019india के कारण भारत में बड़ी संख्या में हताहतों की संख्या की भविष्यवाणी की थी और यह भी कहा है कि रिपोर्ट पर यूनिवर्सिटी के Logo का भी इस्तेमाल किया गया था जो ऑथोराइज्ड नहीं है।
'COVID-19 फॉर इंडिया अपडेट्स' शीर्षक वाला अध्ययन, जो पिछले हफ्ते (24 मार्च) सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, इसमें अमेरिका स्थित अनुसंधान संगठन सेंटर फॉर डिसीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (सीडीडीडीपी) और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी का हवाला देते हुए इसे CDDEP वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया कि अगर कोरोनोवायरस को बिना हस्तक्षेप के फैलने दिया जाता है तो जुलाई तक 30 से 40 करोड़ भारतीयों के संक्रमित होने की संभावना है। हालांकि, ये सभी माइल्ड ही मामले होंगे। रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा संक्रमण अप्रैल और मई में फैलेगा।
इसमें आगे कहा गया कि भारत में कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्या अगले दो महीनों में 20 करोड़ के पार हो सकती है यदि निवारक उपायों का पालन नहीं किया जाता है। मॉडल ने यह भी अनुमान लगाया कि COVID-19 मामले आखिरकार जुलाई या अगस्त तक कम या समाप्त होंगे।
"अब तक, भारत में परीक्षण किए गए लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही है। अभी तक भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन भी नहीं हो रहा है। भारत में अब तक कोरोनासंक्रमित मरीजों की संख्या 1100 के पार ही पहुंची है जबकि कई दूसरे विकसित देशों का हाल बेहद ही नाजुक है।