हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 198 किलोमीटर दूर मंडी जिले के एक गांव टांडी निवासी जयराम ठाकुर इस राज्य के 13वें मुख्यमंत्री हैं। संघ की नर्सरी से निकले हुए इंसान हैं जयराम ठाकुर। सार्वजनिक मंचों पर भी तोल-मोल कर बोलना उनकी आदत में शुमार है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पत्नी का नाम डॉ. साधना ठाकुर है। साधना के पिता श्रीनाथ राव आरएसएस से जुड़े हुए थे। वह 1974 में ही कर्नाटक से जयपुर आ गए थे। यहीं पर उन्होंने खजाने वालों का रास्ता में अपना कारोबार शुरू किया। वर्तमान में उनका परिवार खातीपुरा इलाके में रहता है। डॉ. साधना ठाकुर ने जयपुर के ही सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है।

साधना ठाकुर भी 1992 में राजस्थान में विद्यार्थी परिषद की प्रचारक हुआ करती थीं। जम्मू में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान उनकी मुलाकात जयराम ठाकुर से हुई। दोनों में पहले दोस्ती हुई इसके बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गई। साधना और जयराम ने साधारण तरीके से शादी कर ली और जयराम के साथ हिमाचल में ही बस गई। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को मेडिकल प्रेक्टिस की बजाए संघ के काम में लगाए रखा। संघ के तमाम संगठनों के मेडिकल कैंप में उनकी उपस्थिति बनी रहती है।

28 वर्ष की उम्र में 1993 का चुनाव हारने के बाद जयराम ठाकुर ने 1998 में 1800 वोटों के साथ अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। 2000 से 2003 तक वह मंडी जिले के भाजपा अध्यक्ष रहे। 2003 में बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष तथा 2006 में प्रदेश अध्यक्ष बना दिए गए।

2007 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 68 में से 41 सीटें मिली। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर प्रेम कुमार धूमल बैठे। धूमल सरकार में जयराम ठाकुर पंचायती राज मंत्री बनाया गया था। 2017 विधानसभा चुनाव में ठाकुर को हाईकमान ने मुख्यमंत्री पद पर आसीन किया।

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