नई दिल्ली: लद्दाख में भारतीय और चीन सीमाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति एक युद्ध की तरह लगती है। दोनों पक्षों की सेनाओं ने LAC के साथ टैंक, मशीनगन और आधुनिक हथियारों का भंडार एकत्र किया है और वायु सेना की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। लद्दाख में LAC को लेकर भारत-चीन का गतिरोध जारी है सीमा विवाद को निपटाने के लिए शनिवार को चुशुल में ब्रिगेड-कमांडर स्तर की वार्ता भी अनिर्णायक थी।

आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, LAC में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। भारत को चीन प्रकार 15 लाइट टैंक, पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन, AH4 होवित्जर तोपें, HJ-12 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, W-85 भारी मशीनगन, NAR-751 लाइट मशीन गन और चीन सीमा पर एंटी-मटेरियल वाइपर राइफलें दिखाने की कोशिश कर रहा है । रहा है। इसके साथ ही, भारत ने T-90 भीष्म टैंक, BMP-2K इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल, M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपें, स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, NEGEV लाइट मशीन गन, टीआरपी स्ट्रांग राइफल्स को जावब में सीमा पर तैनात किया है।

आसमान में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। भारत के लद्दाख के हवाई क्षेत्र में सुखोई 30, मिग 29, मिराज 2000, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर को खड़ा रखा गया है। इसी समय, चीन ने एलएसी पर क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों के साथ वायु सेना की ताकत बढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने तिब्बत के उतांग इलाके में एक एयरबेस बनाया है, जो एलएसी से सिर्फ 200 किमी दूर है। चेंगदू जे -20 स्टील्थ लड़ाकू विमान एलएसी पर सक्रिय हो गए थे और अब इसने तिब्बत के पठारी क्षेत्र में परमाणु बम गिराने वाले बमवर्षक विमानों के साथ युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है।

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