क्या आम आदमी पार्टी खत्म होने की कगार पर है?
इंटरनेट डेस्क| स्वराज इंडिया के वरिष्ठ नेता और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव के अनुसार, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सत्ता के लालची और अवसरवादी बन चुके हैं।
बता दें कि, राजधानी दिल्ली ही नहीं वरन पूरे देश की जनता को लगा था कि आम आदमी पार्टी और इसके राजनेता ईमानदार और साफ सुथरी छवि पेश कर वैकल्पिक राजनीति की मिसाल पेश कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका, कुछ ही सालों में आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार, अवसरवादिता और अंदरूनी कलह में घिर गई। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्टाचार जैसे आरोपों के निशाने पर आ गए।
आज की तारीख में आम आदमी पार्टी जिसे मुहाने पर खड़ी है, उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह पार्टी खुद का अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है।
कुछ ऐसे कारण दिख रहे हैं, जिस हम यह आसानी से कह सकते हैं कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आम आदमी पार्टी कुछ ही वर्षों में खत्म हो सकती है।
- आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे कुमार विश्वास जैसे प्रखर वक्ता तथा नेतृत्वकर्ता को पार्टी से दरकिनार करना।
- राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव का आम आदमी पार्टी से त्याग पत्र देना।
- पार्टी में सुशासन की संभावना खत्म होती जा रही है।
- पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार।
- सत्ताधारी और शक्तिशाली बीजेपी से आम आदमी पार्टी की जोरदार टकरार।
- आम आदर्मी पार्टी में कुछ कमजोर नेतृत्व का आगमन।
-ईमानदारी का दंभ भरने वाली आम आदमी पार्टी की ओर से 526 करोड़ रुपए का राजनीतिक विज्ञापन निकालना।
- पार्टी के कई मंत्रियों तथा विधायकों पर दुराचार और भ्रष्टाचार के आरोप लगना।
इस प्रकार जनता ने जिस भरोसे से आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और बीजेपी के विकल्प के रूप में खड़ा किया था, उसमें यह पार्टी पूरी तरह से विफल होती दिख रही है।