इंदिरा गांधी देश की सबसे ताकतवर और लोकप्रिय प्रधानमंत्री थीं, जिसने देश के हिट के क्या कुछ नहीं किया उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तो आप सोच ही सकते है कि उनका क्या जज्बा था देश के लिए, लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात तो ये है कि उनकी हत्या नहीं हुई थी उन्होंने आत्महत्या की थी, देश की एकता और अखंडता के लिए।

जी हां ये कोई सोच भी सकता है भला कि प्रधानमंत्री को उन्हीं की सुरक्षा में तैनात जवान 28-30 गोली मार के उनके जिस्म को छलनी-छलनी कर सकते हैं? वो भी तब जब सैकड़ों सिक्युरिटी लेयर से गुजरने के बाद इन जवानों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगाया जाता है।

आगे की कहानी तो और दर्दनाक है। खून से लथपथ प्रधानमंत्री को एम्स ले जाया जा रहा है जब इंदिरा जी को लेकर कार एम्स पहुंची तो पता चला कि देश के प्रधानमंत्री को गोलियों से छलनी करने की खबर किसी ने एम्स को नहीं दी ताकि स्टैंड बाई में उनके लिए डॉक्टर और इमरजेंसी सेवाएं खड़ी रहतीं। सिर्फ गेट खुलवाने में 3-4 मिनट का कीमती समय बर्बाद हो गया।

इन घटना से यही पता चलता है कि ये कोई मजाक नहीं था, और जब वो जिंदगी मौत से जूझ रही थीं तो देश की राजधानी में उन तक इमरजेंसी मेडिकल सर्विस भी वक्त तक नहीं पहुंचीं, बहुत अफसोसनाक है ये सब कुछ।

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