इंदिरा गांधी की उनके ही सिख पहरेदारो ने 31 अक्टूबर 1984 में गोली मार कर हत्या कर दी थी। आज उनकी पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उस घटना और पूरे वाकये के बारे में फिर से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।


31 अक्‍टूबर का दिन आम दिन की तरह ही था। उस सुबह को भी इंदिरा रोज़ की तरह सुबह 6 बजे उठकर योग करने के बाद टाइम मैगजीन के पत्रकार को इंटरव्‍यू देने के लिए उनका इंतज़ार कर रहीं थीं। पत्रकार 9 बजे आने वाला था।


धीरेन ब्रह्मचारी जो उनके योग गुरु थे इंदिरा जी को योग सिखाने के बाद चले गए और उनके बाद इंदिरा के स्‍वास्‍थ्‍य चिकित्‍सक आए। वे आम तौर पर समय समय पर उनका चेकअप करने से आते थे।

अपने चिकित्‍सक से बात करते हुए इंदिरा बोली के आज अमेरिका पत्रकार उनका इंटरव्‍यू लेने आने वाला है। तब डॉक्‍टर ने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति रोनाल्‍ड रीगन कोई भी इंटरव्यू देने से पहले मेकअप नहीं करते हैं। इस पर इंदिरा ने जवाब दिया कि वो मेकअप भी करते हैं और अपने कान में एक चिप भी लगाए रखते हैं जिससे किसी सवाल के जवाब ना पता होने पर उनके सहयोगी उनकी मदद करते हैं।

इसके बाद इंदिरा इंटरव्यू के लिए निकल गई और उस दिन उन्होंने अपना बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहना क्‍योंकि उन्‍हें इंटरव्‍यू में अच्‍छा दिखना था। अपने आवास से बाहर निकलते ही उनके दो सिख पहरेदारों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उनका गोली मार दी। दोनों ने इंदिरा को एक या दो नहीं बल्कि 25 गोलियां मारीं। इस हमले के बाद इलाज के दौरान इंदिरा गांधी की मौत हो गई।

शायद, अगर उस दिन इंदिरा गाँधी बुलेट प्रूफ जैकेट पहन लेतीं तो उनकी मौत नहीं होती।

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