इंडियन नेवी की घातक पनडुब्बी कलवरी की नजरों से नहीं बच सकता है दुश्मन
दोस्तों, आज हम आपको इंडियन नेवी में शामिल स्कॉर्पिन सीरीज की पहली पनडुब्बी कलवरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे टाइगर शार्क भी कहा जाता है। बता दें कि भारतीय नौसेना की इस घातक पनडुब्बी की नजरों से दुश्मन का बच निकलना नामुमकिन है।
यह एंटी शिप मिसाइलों से हमले करने में माहिर है। भारत अभी ऐसी ही कुल 6 पनडुब्बियां बनाना चाहता है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत साल 2029 तक 24 पनडुब्बियों का निर्माण कर लेना चाहता है। आइए जानें, पनडुब्बी कलवरी के बारे में।
- पनडुब्बी कलवरी को फ्रांस की मदद से भारत में ही तैयार किया गया है।
- यह पनडुब्बी डीजल से चलती है। इसके अलावा यह समंदर में 50 दिनों तक रह सकती है।
- घातक पनडुब्बी कलवरी तारपीडो, मिसाइल और माइंस लेकर चल सकती है।
- इस स्वदेशी पनडुब्बी की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे है।
- यह पनडुब्बी एंटी मिसाइल के साथ-साथ माईन भी रोक सकती है।
- इस स्वदेशी पनडुब्बी कलवरी में 360 बैट्रियां लगी है, हर बैटरी का वजन 750 किलो है। इन बैटरियों को चार्ज करने के लिए इसमें 1250 किलोवाट के दो इंजन लगे हुए हैं।