आपको यह बात बताने की जरूरत नहीं है कि आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। दुनियाभर के हर शिवालयों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। सर्वाधिक प्रचलित मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव का विवाह हुआ था। इसीलिए महाशिवरात्रि की पूजा पूरी रात चार प्रहर तक की जाती है। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि महाशिवरात्रि पर्व पर भोलेनाथ की पूजा करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

- महाशिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठना चाहिए तथा स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त होना चाहिए।

- हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित है कि भोलेनाथ को चंपा और केतकी के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।

- भोलेनाथ की पूजा में टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवजी को अक्षत चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए नहीं हों।

- शिवलिंग पर सोना, चांदी या कांसे के बने बर्तन से ही जलाभिषेक करना चाहिए। स्टील औ प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करें।

- महादेव को फल अर्पित करते समय बेर का फल जरूर चढ़ाएं, क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।

- शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं। शिवलिंग पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाना चाहिए।

- महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले लोगों को चावल, गेंहू आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। फल, दूध आदि का सेवन कर सकते हैं।

गौरतलब है कि महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि जागरण को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए रात्रि में महादेव के भजन गाएं और आरती करें।

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