इंटरनेट डेस्क। इंडियन आर्मी में गैलेन्ट्री अवार्ड उन जवानों को दिए जाते हैं जो असाधारण साहस, बहादुरी और गरिमा का परिचय देते हैं। भारत में गैलेन्ट्री अवार्ड सेनाकर्मियों को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए दिए जाते रहे हैं। आज हम आपको सेना में दिए जाने वाले इन गैलेन्ट्री अवार्ड की पूरी कहानी बताएंगे कि कैसे ये अवार्ड दिए जाते हैं और किन सेना कर्मचारियों को कौनसा अवार्ड मिलता है।

गैलेन्ट्री अवार्ड मूल रूप से दो प्रकार के होते हैं जिनमें प्रत्येक के अंदर तीन तरह के अवार्ड दिए जाते हैं। आइए जानते हैं।

युद्ध समय दिए जाने वाले गैलेन्ट्री अवार्ड- ये युद्ध या लड़ाई के दौरान दिए जाते हैं। ये अवार्ड दुश्मन को युद्ध के मैदान में दिखाए गई बहादुरी के लिए दिए जाते हैं।

भारतीय सैन्य गैलेन्ट्री अवार्ड-

परम वीर चक्र-

इंडियन आर्मी में दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा अवार्ड होता है जो युद्ध या युद्ध के दौरान निडरता की ऊपरी ऊंचाई या जज्बे के लिए दिया जाता है। यह 26 जनवरी 1950 को शुरू हुआ था जो भारतीय राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र दिवस के दिन दिया जाता है। भारतीय सशस्त्र बलों की सभी श्रेणियों से अधिकारियों या सूचीबद्ध लोगों को सम्मानित जाता है। अब तक कुल 20 सेनाकर्मी और एक वायु सेना के कर्मियों को इस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

महावीर चक्र-

महावीर चक्र युद्ध के दौरान किए गए बहादुरी के कामों को देखते हुए दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा सैन्य अवार्ड है। जो दुश्मन के चेहरे पर बहादुरी के असाधारण कामों को करके आते हैं उन्हें इससे नवाजा जाता है। पदक की शुरुआत के बाद से बहादुरी और निःस्वार्थ साहस के 155 से अधिक कामों को मान्यता मिली है।

वीर चक्र-

यह युद्ध के मैदान में बहादुरी के लिए ही सम्मानित किया जाता है। परम वीर चक्र और महा वीर चक्र के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा अवार्ड माना जाता है। यह उन सेवाओं के किसी भी व्यक्ति को भी दिया जाता है जिन्होंने दुश्मन के सामने बहादुरी और बलिदान का काम किया हो।

शांति के समय दिए जाने वाले गैलेन्ट्री अवार्ड-

इन्हें युद्ध के मैदान से दूर दिखाए गए साहस और बहादुरी के कामों के एवज में दिया जाता है। इस तरह के पुरस्कार आमतौर पर काउंटर विद्रोह का संचालन करने के लिए दिए जाते हैं।

अशोक चक्र-

यह अवार्ड "सबसे विशिष्ट बहादुरी या कुछ साहसी या पूर्व-प्रतिष्ठित बहादुरी या आत्म-बलिदान" के कामों के लिए दिया जाता है। इस अवार्ड को सैनिकों को या उनके मरणोपरांत भी इससे सम्मानित किया जा सकता है। यह परम वीर चक्र के बराबर है।

कीर्ति चक्र-

पीसटाइम में बहादुरी के लिए दिया जाना वाला यह दूसरा अवार्ड है। यह किसी भी व्यक्ति को सैन्य या नागरिक से सम्मानित किया जाता है जिसने दुश्मन के सामने एक निश्चित स्तर के बहादुरी के काम को किया हो। केवल एक सैनिक को कीर्ती चक्र और अशोक चक्र दोनों से सम्मानित किया जाता है।

शौर्य चक्र-

यह दुश्मन के साथ सीधी कार्रवाई में शामिल नहीं होने पर साहसी कार्रवाई या आत्म-त्याग के लिए दिया जाने वाला सम्मान है।

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