भारतीय वायुसेना आपरेशन बाहुबली से परख चुकी है ताकत, दुश्मनों को कड़ी टक्कर देने को तैयार
पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने लद्दाख में अपनी ताकत बढ़ा दी है। जरूरत पड़ने पर युद्ध के दौरान वायुसेना चंद मिनटों में ही टैंक, तोपें, सैन्य साजो-सामान एलओसी तक पहुंचा देगी। यहां तक सेना की उत्तरी कमान की मदद के लिए पश्चिमी कमान को भी लद्दाख तक पहुंचा देगी। चंडीगढ़ से लद्दाख क्षेत्र के लेह जिले की हवाई दूरी सिर्फ बीस मिनट है।
जी हां, आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने इंडियन एयरफोर्स ने लद्दाख क्षेत्र में आपरेशन बाहुबली के तहत चंद मिनटों में सोलह बड़े विमान उताकर यह साबित कर दिया कि वह युद्ध के दौरान दुश्मन को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। वायुसेना ने अभियान चंडीगढ़ से चलाए गए अभियान बाहुबली के तहत सेना के सबसे बड़े विमान सी-17 ग्लोब मास्टर के साथ-साथ आईएल-76 विमान व मीडियम टेक्टकल विमान एएन-32 लद्दाख में उतारे। इन विमानों में करीब 500 टन लोड था। आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए इस अभियान को अंजाम दिया गया।
यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है कि महज चंद मिनटों में 500 टन सैन्य सामग्री इंडियन एयरफोर्स ने लेह-लद्दाख में सेना तथा वायुसेना तक पहुंचा दिया। जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू कश्मीर के लद्दाख का एक हिस्सा चीन तथा दूसरा हिस्सा पाकिस्तान से सटा है। गौरतलब है कि जब सर्दियों में लद्दाख शून्य से कम तापमान में जम जाता है, उस समय भारतीय वायुसेना की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।