इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट तेजस के चलते एलीट क्लब में शामिल हुआ भारत, जानिए कैसे?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान तेजस एक बड़ी कामयाबी हासिल कर इतिहास रच चुका है। हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के मुताबिक, लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट तेजस की पहली बार हवा में रि-फ्यूलिंग की गई। 20,000 फीट की ऊंचाई पर फाइटर जेट तेजस में 1,900 किलोग्राम का ईधन इंडियन एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट आईएल-76 के टैंकर से ट्रांसफर किया गया। इस प्रकार तेजस ने मिड एयर रि-फ्यूलिंग के जरिए बड़ी सफलता हासिल की है।
आईएल78 को विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह उड़ा रहे थे, उन्होंने एचएएल के डिजायनर्स और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के साथ मिलकर इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। एचएएल के चेयरमैन आर माधवन मुताबिक, जिस समय फाइट जेट तेजस की रि-फ्यूलिंग की गई, उस वक्त उसकी स्पीड 270 नॉट्स थी
आर माधवन का कहना है कि तेजस की इस सफलता से हमारा देश दुनिया के उन देशों के एलीट क्लब का हिस्सा बन चुका है जिन्होंने सफलतापूर्वक एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम को मिलिट्री क्लास एयरक्राफ्ट के लिए डेवलप किया है।
गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स ने 40 तेजस मार्क-1 वर्जन का ऑर्डर दिया है। साथ ही भारतीय वायु सेना ने पिछले महीने एक रिक्वेस्ट प्रपोजल जारी किया गया है। दरअसल इस प्रपोजल में एचएएल से 83 तेजस के एक और बैच को खरीदने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसकी कीमत करीब 50,000 करोड़ होगी।