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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को इंडियन एयरफोर्स अपना स्थापना दिवस मनाती है। वायुसेना की दुनिया में पराक्रम, जांबाज सैनिक और अपनी युद्ध कला के लिए इंडियन एयरफोर्स एक अलग ही मुकाम रखती है।

बता दें कि इंडियन एयरफोर्स भी दुनिया की कई शक्तिशाली वायुसेनाओं से किसी भी मामले में कम नहीं है। भारतीय वायुसेना के पास भी कई ऐसे लड़ाकू विमान हैं, जो युद्ध के समय कभी भी पासा पलट सकते हैं। इस स्टोरी हम आपको इंडियन एयरफोर्स के उन्हीं लड़ाकू विमानों के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुखोई-30

इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सुखाई की स्पीड 2500 किलोमीटर प्रति घंटे है। रूस निर्मित यह विमान इंडियन एयरफोर्स की एक बड़ी ताकत है। इसकी तुलना राफेल, यूरोफाइटर, अमेरिकी लड़ाकू विमान फाल्कन से की जाती है। यह लड़ाकू विमान हवा में भी ईंधन भरने में सक्षम है। यह लड़ाकू विमान 3000 किमी की दूरी तक जाकर हमला करने की क्षमता रखता है। इस फाइटर जेट से बम तथा मिसाइल ले जाने के लिए 12 स्थान हैं।

मिग-29

भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-29 रडार कंट्रोल्ड मीडियम रेंज की मिसाइलों से अपने लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है। इस लड़ाकू विमान की स्पीड 2445 किमी प्रति घंटे है। यह विमान रूस निर्मित है।

तेजस

भारतीय वायुसेना में शामिल तेजस एक स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स ने बनाया है, इस लड़ाकू विमान को साल 2015 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया। यह लड़ाकू विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई से हमला करने में सक्षम है। इससे डर्बी और अस्त्र मिसाइल दागी जा सकती हैं। यह अपने लक्ष्य पर निशाना साधते समय 200 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है। इस लड़ाकू विमान की रेंज 3,000 किलोमीटर है।

मिराज-2000

भारतीय वायुसेना में शामिल फ्रांस निर्मित लड़ाकू विमान मिराज-2000 ने कारगिल विजय में अहम भूमिका निभाई थी। इस लड़ाकू​ विमान की स्पीड 2495 किमी प्रति घंटा है। इस फाइटर जेट से कई तरह की मिसाइलें दागी जा सकती हैं।

सी-17 ग्लोबमास्टर

यह विमान इंडियन एयरफोर्स का सबसे विशालकाय विमान है। इस विमान से भारी सैन्य साजो-सामान ढोने का काम किया जाता है। यह विमान 70 टन का वजन लेकर उड़ान भर सकता है। यमन में फंसे नागरिकों को इसी विमान से भारत लाया गया था।

सी- 130 जे हरक्युलिस

भारतीय एयरफोर्स की ट्रांसपोर्टेशन क्षमता में सी-130 जे हरक्यूलिस विमान एक अहम भूमिका निभाता है। चीन से सटे ओल्डी सेक्टर में दौलत बेग हवाई पट्टी पर इसे लैंड कर भारतीय वायुसेना विश्व कीर्तिमान बना चुकी है। ग्लोबमास्टर के बाद भारतीय वायुसेना का यह दूसरा सबसे बड़ा परिवहन विमान है।

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