इंटरनेट डेस्क। भारत का गुप्त परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग शिप, जो ऐसे हमलों के खिलाफ योजनाबद्ध विस्तृत मिसाइल ढाल बनेगा, ने सफलतापूर्वक बंदरगाह परीक्षणों को पार कर लिया और इसे दिसंबर तक देश को सौंपा जा सकता है। वीसी 11184, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के लिए एक विशेष महासागर निगरानी जहाज बनाया जा रहा है, देश के लिए परमाणु मिसाइल ढाल बनाने पर मोदी सरकार के आदेश देने के चार साल बाद पूरा होने के बाद बनने जा रहा है।

अगले चरण में भारतीय नौसेना और एनटीआरओ की संयुक्त टीम द्वारा समुद्री परीक्षण शामिल होंगे जिसमें इसकी विशेष निगरानी प्रणाली सेंसर के साथ पैक किए गए तीन गुंबद के आकार वाले एंटेना सौंपने से पहले बड़े पैमाने पर परीक्षण किए जाएंगे।

यह शिप, जो अपने ट्रैकिंग रडार को सशक्त बनाने के लिए 14 मेगावॉट से अधिक बिजली उत्पन्न करेगी, में भारत के लिए कई भूमिकाएं होंगी जिसमे दुश्मन मिसाइलों को ट्रैक करने से लेकर स्वदेशी सामरिक मिसाइलों से किए गए परीक्षणों पर डेटा देना शामिल है। इसके निर्माण की शुरुआत 2014 में की गई थी और इसका निर्माण पांच साल से भी कम समय में पूरा कर लिया गया है।

इस शिप को मेक इन इंडिया प्रॉजेक्‍ट के तहत बनाया गया और इसे बनाने में 725 करोड़ रुपये का खर्च आया है। यह भारत में निर्मित सबसे ज्यादा वजनी शिप जिसका वजन करीब 15 हजार टन है। इस शिप की क्षमताओं और प्रणालियों सहित अन्य जानकारियों को अभी तक गोपनीय रखा गया है और इसे अभी तक कोई आधिकारिक नाम भी नहीं दिया गया है।

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