इंटरनेट डेस्क। विषम परिस्थितियों में भी विजयी रहने वाली भारतीय सेना दुनिया की सर्वाधिक ऊंचाई वाले युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर भी तैनात हैं। यह समुद्र तल से पांच हजार मीटर ऊपर हैं, यहां का तापमान न्यूनतम शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक मापा गया है।

पर्वतीय क्षेत्रों और जंगलों में युद्ध के लिए भारतीय सेना के जवान कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। भारतीय सेना से ही हमारा सम्मान हैं। हमें इस पर गर्व हैं। बात चाहे सरहदों की सुरक्षा की हो या नापाक इरादों से सीमा में घुसने वाले दुश्मनों के दांत खट्टे करने की, हमारी सेना की ताकत का लोहा दुनिया ने भी माना है।

दुनिया में चौथी सबसे ताकतवर सेना, ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग से विश्व में मिली यह उपलब्धि भारतीय सेना को विश्व में अपना लोहा मनवा रही है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर विजय पताका फहराना हो, ऑपरेशन राहत या फिर बेली ब्रिज का निर्माण ये नायाब उपलब्धियां हमारी सेना के नाम दर्ज हैं।

भारतीय सेना के बलिदान, वीरता और पराक्रम सहित भारतीय सेना के विभिन्न अभियानों की उपलब्धियां समेटे लेह का संग्रहालय 'हॉल ऑफ़ फेम' एशिया के सर्वक्षेष्ठ 25 संग्रहालयों की सूची में शामिल किया गया हैं।

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