लाओस, श्रीलंका के बाद अब ये देश भी हुआ चीन का कर्जदार
पुरुष: चीन पर दुनिया के उन सभी देशों को निशाना बनाने का आरोप है जहां अर्थव्यवस्था की समस्या है। पहले, चीन ऋण देता है और फिर सरकारी नीति को प्रभावित करके चीनी कंपनियों को अनुबंधित करने का काम करता है। मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका के बाद अब एक और पड़ोसी मालदीव भी चीन के कर्ज तले दबा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रिपोर्टों के अनुसार मालदीव सरकार 3.1 बिलियन डॉलर के कर्ज में है। वह भी तब जब मालदीव का पूरा अर्थशास्त्र $ 5 बिलियन का है। मालदीव का पूरा अर्थशास्त्र पर्यटन पर निर्भर करता है। मालदीव का पर्यटन क्षेत्र COVID-19 वायरस के कारण बंद है। मालदीव हर साल पर्यटन से लगभग दो बिलियन डॉलर कमाता है, लेकिन COVID-19 के कारण इसमें एक तिहाई की कमी होने की संभावना है।
मालदीव के पूर्व पीएम और देश की संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद का कहना है कि देश पर चीन का कुल कर्ज करीब 3.1 बिलियन डॉलर है। नशीद ने देश में बुनियादी ढांचा परियोजना की व्यवहार्यता पर सवाल उठाए, जिसके लिए चीन से ऋण लिया गया था। उन्होंने कहा, "क्या ये परियोजनाएं इतना राजस्व देंगी कि उनके माध्यम से ऋण चुकाया जा सकता है? इन परियोजनाओं की व्यावसायिक योजना से यह संकेत नहीं मिलता है कि ऋण चुकाया जा सकता है, इसमें सरकार के बीच लिया गया ऋण, सरकारी कंपनियों को ऋण और ऋण शामिल हैं। निजी कंपनियों को, जिन्हें मालदीव सरकार ने गारंटी दी है। यहां तक कि चीन की यह चाल भी नहीं चलेगी।