अंग्रेजों से लेकर मुगलों ने कई सौ वर्षों तक भारत पर राज्‍य किया। भारत जो कल तक धन धान्य, सोना चांदी, हीरे जवाहरात और महंगे आभूषणों से युक्त था उसे ये अंग्रेज लूट कर ले गए। भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन अंग्रेजी धन लूट कर अपने साथ ले गए।

लेकिन कुछ राजा और शासक ऐसे भी थे जिन्होंने कभी हार नहीं मानी और इनके किलों को कोई आज तक जीत भी नहीं पाया। आज हम एक ऐसे ही किले की बात कर रहे हैं जिसे आज तक कोई नहीं जीत पाया है।

राजस्‍थान के माधोपुर में रणथंभौर दुर्ग को आज तक कोई भी जीतने में कामयाब नहीं हो पाया है। इस दुर्ग का निर्माण चौहान वंश के राजा सपल्‍क्ष ने 944 ईस्‍वी में करवाया था।

इस किले पर 500 साल तक चौहान वंश का शासन रहा था। इस दुर्ग पर हम्‍मीर देव का शासन था, तब अलाउद्दीन खिलजी ने इस पर आक्रमण किया था लेकिन वो इसे जीत नहीं पाया। अलाउद्दीन की धूर्तता के बारे में सभी जानते हैं लेकिन वो भी इस किले को जीतने में कामयाब नहीं हो पाया।

वहीं विदेशी आक्रमणकारियों ने भी इस किले पर कई बार आक्रमण किया लेकिन वह भी इस किले का जीत नहीं पाए। यह राजस्थान के सबसे बड़े किलों में से एक है।

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