भारत की आयरन लेडी इंदिरा गांधी और उनके पति फ़िरोज़ गाँधी की जिन्दगी में कोई रहस्य नहीं था, ये बात सार्वजनकि थी कि दोनों एक दूसरे को पसंद नहीं करते ,फ़िरोज़ और इंदिरा के बीच पैदा हुए तनाव की कई वजह थी जिसमें सबसे बड़ी वजह थी फ़िरोज़ का गैर महिलाओं से सम्बन्ध,

1942 में तमाम विरोध के बावजूद इंदिरा और फ़िरोज़ का विवाह हुआ, लेकिन साल भर के अंदर ही दोनों के बीच मतभेद होने शुरू हो गए, इंदिरा गाँधी ने फ़िरोज़ के बजाए अपने अपने पिता के साथ रहना शुरू कर दिया,इस बीच फ़िरोज़ का नाम कई महिलाओं के साथ जोड़ा जाने लगा। जिसके बाद से दोनों के बीच दूरियां बढ़ती गई।

नेहरू कैबिनेट में एक मंत्री तारकेश्वरी सिन्हा से भी फ़िरोज़ गांधी की काफ़ी नज़दीकियाँ थीं, फ़िरोज़ गांधी इंदिरा गाँधी से अलग होकर इससे शादी भी करने को तैयार थे, लेकिन वो तमाम मामला बहुत मुश्किल से सुलझाया गया, लेकिन जब इस बात की खबर पंडित नेहरु को लगी तो उन्होंने फ़िरोज़ गाँधी को इस बारे में चेतावनी भी दी लेकिन फ़िरोज़ ने उनकी बात नहीं मानी, तब तारकेश्वरी सिन्हा को केबिनेट से हटाकर किसी राज्य का राज्यपाल बनाकर दिल्ली से विदा कर दिया गया।

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