भारतीय सेना के पहले सेना प्रमुख की अगुवाई में इतनी थी सैनिकों की संख्या, आज से कई गुना कम
इंटरनेट डेस्क| इंडियन आर्मी के जवान सेना में शामिल होते समय अपनी सेवा के दौरान देश को घरेलू और बाहरी दुश्मनों से सुरक्षित रखने की कसम खाते हैं। इतना ही नहीं सेना के जांबाज प्राकृतिक आपदा के दौरान भी आमजन की पूरी मदद करते हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि 15 जनवरी 1949 को इंडियन आर्मी पूरी तरह से ब्रिटीश सेना से मुक्त हो गई थी, और केएम करिअप्पा ने आजाद भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। भारतीय सेना के इतिहास में केएम करिअप्पा ही ऐसे एकमात्र सेनाध्यक्ष हैं, जिन्हें प्रेसिडेंट ने फील्ड मार्शल की रैंक मिल चुकी है।
साल 1947 में भारतीय सेनाध्यक्ष केएम करिअप्पा ने भारत-पाक युद्ध की अगुवाई की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली जीत दर्ज की। ब्रिटीश सेना से आजादी के बाद पहले सेनाध्यक्ष केएम करिअप्पा के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों की संख्या करीब 2 लाख थी। गौरतलब है कि आज की तारीख में इंडियन आर्मी में सैनिकों की संख्या 13 लाख से अधिक है।
परंपरा के अनुसार, इंडियन आर्मी अपने प्रमुख घातक हथियारों ब्रह्मोज मिसाइल, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, नाग, 155 एमएम सोलटम गन, टी-90 टैंक, कैरियर मोटार्र ट्रैक्ड वैहिकिल, लाइट कंबैट हेलिकॉप्टर तथा बीएलटी टी-72 के साथ सेना दिवस, स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर शक्ति प्रदर्शन करती है।