यह बात पूरी दुनिया जानती है कि शुरू में कारोबार करने के नाम भारत आए अंग्रेजों ने पहले व्यापार किया इसके बाद इस देश पर धीरे-धीरे कब्जा करना शुरू कर दिया। लिहाजा करीब 200 सालों बाद एक लंबी लड़ाई के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हो गया। लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कुछ देश आज भी ब्रिटेन के गुलाम हैं, इन देशों की संख्या करीब 15 है। इन 15 देशों में आज भी ब्रिटेन की महारानी ही राष्ट्र प्रमुख हैं।

ऑस्ट्रेलिया
इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में भी आज की तारीख में ब्रिटिश महारानी को ही राष्ट्र प्रमुख माना जाता है। 2.34 करोड़ की आबादी वाला यह देश शिक्षा और क्रिकेट के लिए पूरे विश्व में विख्यात है।

कनाडा
उत्तर अमेरिका महाद्वीप के कनाडा देश में भी ब्रिटेन की महारानी ही आज भी राष्ट्र प्रमुख हैं। कनाडा की आबादी कुल 3.5 करोड़ है, जबकि इसका क्षेत्रफल 76.92 लाख वर्ग किलोमीटर है।

न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी छोटा देश है, लेकिन यहां भी ब्रिटिश महारानी ही राष्ट्र प्रमुख मानी जाती हैं।

जमैका
कैरेबियन सागर के पास मौजूद जमैका नामक देश दुनिया के सबसे छोटे देशों में शुमार किया जाता है। इस देश की आबादी कुल 28.81 लाख है। इस देश में भी ब्रिटेन की महारानी ही राष्ट्र प्रमुख हैं।

पापुआ न्यू गिनी
80.84 लाख की आबादी वाला यह देश आज भी ब्रिटेन की हुकूमत सहने को विवश है। दक्षिण प्रशांत महासागर के पास स्थित पापुआ न्यू गिनी आर्थिक दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है।

बेलीज
बेलीज की कुल आबादी 3.87 लाख है। उत्तर अमेरिका महाद्वीप में मौजूद यह देश मेक्सिको का पड़ोसी देश है। यहां भी ब्रिटेन की ही तूती बोलती है।

एंटीगुआ एंड बारबुडा

छोटा सा देश एंटीगुआ एंज बारबुडा का कुल क्षेत्रफल 440 वर्ग किलोमीटर है। यहां आज भी ब्रिटेन की महारानी का राज चलता है।

बारबाडोस
कैरिबयन सागर के पास मौजूद देश बारबाडोस की कुल आबादी महज 3 लाख है। यहां के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं हैं। इस वजह से ब्रिटेन यहां आसानी से शासन करता है।

बहामास
प्राकृतिक खूबसूरती की भरमार है इस देश में, लेकिन काफी छोटा होने तथा सैन्य शक्ति कमजोर होने के कारण आज भी इस देश पर ब्रिटेन की महारानी का ही राज चलता है।

गौरतलब है कि इन देशों के अब तक ब्रिटेन के अधीन बने रहने की सबसे बड़ी वजह सैन्य शक्ति का ना होना या फिर सैन्य शक्ति का कमजोर होना, गरीबी और आर्थिक पिछड़ापन माना जाता है।

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