चुनाव की तारीखों का गुजरात में एलान अभी नहीं हुआ है लेकिन आम आदमी पार्टी की एंट्री ने गुजरात में सियासी तपिश को अभी से बढ़ाने का काम किया है। रैलियों, रोडशो और सभाओं के आयोजन से सूबे में माहौल गर्म है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी जैसे प्रमुख सियासी हस्तियों के दौरों से चुनावी बयार साफ महसूस की जा रही है।

इस बार भी किसानों का मुद्दा रहेगा हावी
अगर हम बार करे तो इस बार भी विधानसभा चुनाव में किसानों का मुद्दा हावी रहेगा। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसानों को राज्य और केंद्र की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।


भाजपा भी किसानों को लुभाने में जुटी
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से शुरू की गई नमो किसान पंचायत का उद्देश्‍य यही है। भाजपा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में जुटी है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी की चुनौतियों का सामना करने के लिए ड्रोन जैसी तकनीक को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।


क्‍या कहते हैं आंकड़े...
साल 2017 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 2012 में उसने 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को हुए नुकसान के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया था। इन वजहों में जीएसटी के खिलाफ आक्रोश, पाटीदार आंदोलन और सौराष्ट्र क्षेत्र में कृषि संकट शामिल थे। हालांकि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में किसानों पर पूरा फोकस किया था।

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