घनश्याम की बांसुरी के बिगडे सुर, राजनीतिक करियर हुआ चौपट
पॉलिटिकल डेस्क। राजस्थान की राजनीति में घनश्याम तिवारी काफी बड़े नेता हैं, अब यह बीते समय की बात हो गई हैं। इस बार हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी छोड़ अपनी पार्टी बनाने वाले सांगानेर सीट से 6 बार विधायक चुने गए घनश्याम तिवारी इस बार अपनी जमानत जब्त करा बैठे। उन्हें बीजेपी के अशोक लाहोटी ने बड़े अंतर से पराजित किया। एक समय था जब तिवारी राजस्थान बीजेपी में नंबर एक और नंबर दो की भूमिका में होते थे।
घनश्याम तिवाडी ने लगातार वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावत की। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड कर अपनी नई पार्टी भारत वाहिनी बना बांसुरी के चुनाव चिह्न पर चुनाव में बिगुल फुंका। चुनाव से पहले ही उन्होंने हनुमान बेनिवाल की नवीन पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन कर लिया था। बता दे हनुमान बेनीवाल भी बीजेपी के बागी नेता हैं। दोनों बड़े नेताओं ने इस बार चुनावों में तीसरे मोर्चे की भूमिका निभाई।
चुनावों के नतीजों ने भाजपा के पूर्ववर्ती नेता घनश्याम तिवाडी के कद्दावर कद को मटियामेट कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सांगानेर से अपनी नई पार्टी के बांसुरी सिंबल के सहारे जो ताल ठोकी थी वो चुनावी नतीजे के रुप में एक बडी हार बनकर सामने आई है। आपको बता दे तिवाडी ने सीकर के कल्याण महाविधालय की छात्र राजनीति से जनसंघ और भाजपा के टिकट पर सीकर,चौंमू, फिर सांगानेर से लगातार चुनाव लड़े और जीते।