गीता मेहता ने कहा-टाइमिंग गलत है, पद्यश्री अवॉर्ड लेने से इनकार कर मोदी सरकार को दिया झटका
बता दें कि भारत रत्न और पद्म अवॉ्र्डस की घोषणा के बाद देश की जनता के बीच सियासी मुद्दों का दौर शुरू हो चुका है। इसी क्रम में गीता मेहता ने पद्यश्री सम्मान लेने से इनकार मोदी सरकार को करारा झटका दिया है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कौन हैं गीता मेहता ? जी हां, जानकारी के लिए बता दें कि गीता मेहता उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन हैं।
बता दें कि जब गीता मेहता को पद्मश्री देने की घोषणा की गई, तब उन्होंने गलत टाइमिंग का हवाला देते हुए यह सम्मान लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव 2019 में राजनीतिक फायदा लेने के लिए मुझे यह पुरस्कार दे रही है, इसलिए वो यह पुरस्कार नहीं ले सकती हैं।
आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि 25 जनवरी को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की थी। इस क्रम में कुल 112 पद्य पुरस्कार, 49 पद्यश्री, 14 पद्य भूषण और 4 पद्म विभूषण देने की घोषणा की गई थी। पद्यश्री पुरस्कारों की इस सूची में गीता मेहता का भी नाम था। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए गीता मेहता को यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी।
गीता मेहता इन दिनों अमेरिकी नागरिक हैं, इसलिए न्यूयॉर्क से ही उन्होंने यह पुरस्कार नहीं लेने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि पद्यश्री पुरस्कार के लिए चयनित होना, मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है। मुझे यह पुरस्कार लेने से मना करते हुए बहुत दुख हो रहा है, क्योंकि यह सम्मान मुझे उस वक्त दिया जा रहा है जब लोकसभा चुनाव 2019 बिल्कुल नजदीक आ चुके हैं। ऐसे में यह पुरस्कार लेना गलत हो सकता है। बाद में सरकार और मुझे शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है, जिसका मुझे पछतावा होगा।
बता दें कि गीता मेहता ने कई चर्चित किताबें लिखी हैं, इनमें 1979 में प्रकाशित कर्म कोला, 1989 में राज, 1993 में द रिवर सूत्र, 1997 में स्नेक्स एंड लैडर्स : ग्लिम्प्स ऑफ मॉडर्न इंडिया, लंदन एंड वारबर्ग और 2006 में इटरनल गणेश : फ्रॉम बर्थ टू रिबर्थ का नाम शामिल है। इसके अतिरिक्त गीता मेहता ने अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन के लिए करीब 14 टीवी डॉक्यूमेंट्री का निर्माण और निर्देशन भी किया है।