जिसने देशवासियों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाया, जिसने बिना किसी हिंसा के अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी दिलाने में अपना अहम योगदान दिया, आजादी के इस सुपरहीरो को आज यानि 2 अक्टूबर को करोड़ो देशवासी नमन करते हैं। जी हां, आज 2 अक्टूबर का वही खास दिन है जो सदा-सदा के लिए इतिहास के पन्नों पर अमर हो गया, क्योंकि इसी दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जन्म लिया था।

आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मोहनदास करमचंद गांधी को भारत के राष्ट्रपिता और महात्मा गांधी के तौर पर जानती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें राष्ट्रपिता और महात्मा की ये उपाधि आखिर कैसे मिली।

दरअसल साल 1944 में एक रेडियो संबोधन के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने ही सबसे पहले गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था,बताया गया है कि 4 जून 1944 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए गांधीजी को ‘देश का पिता’ कहकर संबोधित किया था।

आमतौर पर यह बताया जाता है कि 12 अप्रैल सन 1919 को रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधी जी को एक खत लिखा था जिसमें उन्होंने गांधीजी को ‘महात्मा’ कहकर संबोधित किया था।

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