राफेल विमान सौदे से जुड़े गोपनीयता मुद्दे पर फ्रांस का तीखा बयान
इंटरनेट डेस्क। मानसून सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर आरोप लगाए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर कई मामले में सीधे आरोप मढ़े।
राहुल गांधी ने अपने संभाषण में कहा कि प्रधानमंत्री फ्रांस गए और जादू से लड़ाकू विमान राफेल का दाम 1600 करोड़ रूपए प्रति जहाज कर दिया, जबकि उनके कार्यकाल में राफेल का दाम 520 करोड़ रूपए प्रति हवाई जहाज था। राहुल गांधी ने यह भी बयान दिया था कि एनडीए सरकार गोपनीयता का हवाला देकर राफेल सौदे को छुपाने का काम कर रही है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से उनकी बातचीत हुई तो उन्होंने ऐसी किसी भी गोपनीयता से इनकार दिया। राहुल गांधी के इस बयान पर वर्तमान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2008 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान को लेकर होने वाला गोपनीयता का समझौता यूपीए कार्यकाल में हुआ था।
राफेल विमान सौद को लेकर बढ़ते विवाद के बाद फ्रांस के दूतावास एक बयान जारी कहा है कि हमारे देश की सरकार ने राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से लिया है। साल 2008 में फ्रांस और भारत के बीच एक सिक्यूरिटी एग्रीमेंट हुआ था, ताकि दोनों देश रक्षा से जुड़ी जानकारी को गोपनीय रख सकें। दूतावास ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से फ्रांस और भारत के बीच रक्षा प्रणाली से जुड़े समझौत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह समझौता 23 सितम्बर, 2016 को संपन्न हुए राफेल विमान सौदे पर भी लागू होता है।