इंटरनेट डेस्क। मानसूत्र-2018 में विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए मोदी सरकार के विरूद्ध सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। लेकिन इसमें विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। आपको बता दें कि वोटिंग के दौरान सत्ता पक्ष को जहां 325 मत मिले वहीं विपक्ष के हिस्से सिर्फ 126 वोट ही नसीब हुए। आज हम आपको अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।

1- विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है, राज्यसभा में नहीं। उसमें भी यदि किसी बड़ी पार्टी अथवा विपक्ष को लगे कि सत्तासीन सरकार विश्वास खो चुकी है अथवा उसके पास बहुमत नहीं है।

2- अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के अंदर इस पर चर्चा होना जरूरी है।

3- अविश्वास प्रस्ताव पेश के लिए लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष कम से कम 50 सांसदों का समर्थन होना जरूरी है।

4-पहली बार साल 1963 में पं. नेहरू सरकार के खिलाफ जेबी कृपलानी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उस दौरान सत्ता पक्ष को 347 मत मिले थे, जबकि विपक्ष को मात्र 62 मत।

5- सर्वाधिक 15 बार अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी के खिलाफ लाए जा चुके हैं।

6-पीवी नरसिम्हा राव तथा लाल बहादुर शास्त्री सरकार के खिलाफ तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे।

7-अविश्वास प्रस्ताव हमेशा विपक्ष की ओर से पेश किया जाता है, जबकि विश्वास प्रस्ताव सत्ताधारी पार्टी लाती है।

8-वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार अविश्वास प्रस्ताव के चलते ही गिर गई थी।

9- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी अविश्वास प्रस्ताव के चलते दो बार गिर चुकी है।

10- चौधरी चरण सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

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