भारत के पहले अपाचे हेलीकॉप्टर मंगलवार को वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे। इन हेलीकाप्टर को पाकिस्तान के नजदीक ही तैनात किया जाएगा। युद्ध के समय में ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए काफी खास साबित होंगे। ये खतरनाक विमान दुश्मन के टैंक, ट्रेनिंग कैंपों, गाड़ियों और टेरर लांच पैड को चुटकियों में साफ़ कर सकते हैं।

ये दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान है और अपाचे के लिए वायु सेना ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था। भारत ने कुल हेलीकॉप्टरों का कॉन्ट्रेक्ट किया जिसमे से 27 जुलाई को पहले चार हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना को सौंप दिए। अपाचे हेलीकॉप्टर को सबसे पहले पठानकोट में तैनात किया जाएगा।

इसके पहले कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे। पठानकोट में वायु सेना पहले से तैनात है और इनके पास 125 हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन फिलहाल MI -35 हेलीकॉप्टर्स है। अब अपाचे के साथ दूसरी स्क्वाड्रन असम में जोरहाट में तैनात किया जाएगा।

ये हेलीकॉप्टर कई शानदार खूबियों से लैस है। इसमें 30 मिमी की मशीनगन है जिसकी मदद से एक बार में 1200 तक राउंड फायर हो सकते हैं। इस दमदार हेलीकॉप्टर में अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल भी है। ये दुश्मन के टुकड़े टुकड़े कर सकती है। इतना ही नहीं इस खतरनाक विमान में हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट लगा होता है जो किसी भी निशाने को बिना चुके पार कर सकता है। अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो दुश्मन के होश उड़ा देने के लिए बहुत है।

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