दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुका है। जिसमें आम आदमी पार्टी ने दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। पार्टी को इस चुनाव में 62 सीटों पर जीत हासिल हुई है तो वहीं बीजेपी के खाते में महज 8 सीटें ही गईं हैं। लेकिन आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जिनका नाम प्रवीण कुमार जो भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2008 में एमबीए करने के बाद नौकरी के लिए दिल्ली आएं। यहां उन्होंने 2011 में अन्ना आंदोलन से प्रभावित होकर नौकरी छोड़ी और अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ गए।


अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवीण कुमार को जंगपुरा से चुनाव मैदान में उतारा। जिसके बाद प्रवीण चुनाव लड़ने के लिए कमर कस कर मैदान में उतरे और 20 हजार वोटों से जीत कर पहली बार विधायक बने।


दो बार के विधायक प्रवीण कुमार एक बेहद साधाराण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता पी एन देशमुख पंचर बनाने का काम करते हैं। बेटे के विधायक बनने के बाद भी उनके पिता में बदलाव नहीं हुआ पिता आज भी बदस्तूर पंचर बनाने का काम करते रहे। चुनाव नतीजों के दिन उनके माता-पिता भी दिल्ली आए थे। प्रवीण कुमार ने ये तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर की थी।

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