नई दिल्ली: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच, हरियाणा के रोहतक में गढ़ी सांपला में छोटूराम जयंती के अवसर पर मंगलवार को सर्व खाप पंचायत की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी भाग लिया है। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा है कि वह आने वाले दिनों में देश भर में महापंचायत करेंगे।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'यह मुद्दा वैसा ही है जैसा कि 1938 में सर छोटूराम ने ब्रिटिश शासन के तहत किसानों के अधिकारों के लिए 9 कानून बनाए थे। किसान की जमीन को नीलामी से बचाया गया और मंडी प्रणाली लागू की गई। हम 72-73 वर्षों से देख रहे हैं कि हरियाणा, पंजाब के किसान एमएसपी प्राप्त करते थे। हम यहां अपने उत्पादों को बेचने और बेचने आते थे, लेकिन यह सरकार कानून में भी इस व्यवस्था की अनुमति नहीं देगी।



उन्होंने कहा कि 'हम उसी सर छोटूराम की धरती पर हैं, आज उनके द्वारा बनाए गए कानून को तोड़ा जा रहा है। चमकदार घरों में रहने वाले नेताओं को कुछ भी पता नहीं है, हमें उन्हें कई समितियों में भी शामिल करना चाहिए। उन्हें जमीनी हकीकत का पता नहीं है। देश में न तो कोई कृषि मंत्रालय है और न ही कृषि मंत्री, जो हमसे बात करने आते हैं। उनके पास केवल 18 प्रतिशत कृषि शुल्क है। हमने सरकार से कहा है कि अगर हम कृषि कैबिनेट बनाते हैं तो यह किया जाएगा।

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